सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१९३
सूर्यवंश

कहला भेजा कि धनुष और सीता दोनों हमें दे दो। सीरध्वज ने न माना। इसपर सुधन्वा ने मिथिला पर चढ़ाई कर दी। सीरध्वज ने उसको मार कर उसका राज्य अपने छोटे भाई कुशध्वज को दे दिया। कुशध्वज की दो बेटियां मांडवी और श्रुतिकीर्ति श्रीरामचन्द्र जी के छोटे भाई भरत और शत्रुन को ब्याही थीं।