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पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२५२

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अयोध्या का इतिहास

व्याकुल हो गये क्योंकि उनका रक्षण करनेवाला कोई न रह गया। इस पर वसिष्ठ ने आबू पहाड़ पर सब देवताओं का आह्वान किया और गोमुख के पास अग्निकुण्ड में एक यज्ञ किया जिसकी समाप्ति पर चार देवताओं ने चार क्षत्रियकुल उत्पन्न किये। इन्द्र ने परमार-कुल, ब्रह्मा ने चालुक्य-कुल, शिव ने परिहार-कुल, और विष्णु ने चौहान-कुल। इसी से चारों कुल अग्निकुल कहलाये।

हमारे इस लिखने का प्रयोजन यही है कि वसिष्ठ के वंशज भी वसिष्ठ कहलाते थे, और यद्यपि इस कुल का सम्बन्ध साठ पीढ़ी तक अयोध्या राजवंश से रहा परन्तु और राजाओं के यहाँ भी वसिष्ठ और उनके वंशज पहुँचते थे।