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पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२९५

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पिसोकिया (विशाखा)

दव ने अपने दांतों को स्वच्छ करके दातुन को फेंक दिया था। वह दातुन जम गई और उसमें बहुत से पत्ते निकल आये, वही यह वृक्ष है। ब्राह्मणों और विरोधियों ने अनेक बार धावा कर के इस वृक्ष को काट डाला परन्तु यह फिर पहिले के समान पल्लवित हो गया।

इस स्थान के निकट ही चारों बुद्धों के आने जाने के चिह्न पाये जाते हैं तथा नख और बालों सहित एक स्तूप भी है। पुनीत स्थान यहां पर एक के बाद एक बहुत फैले चले गये हैं तथा जंगल और झीलें भी बहुतायत से हैं।

यहां के पूर्वोत्तर ५०० लो चल कर हम "शीसाहलो फुसिहताई" राज्य में पहुँचे।