सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/३२३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३१४
आर्थिक भूगोल

आर्थिक भूगोल पड़ा है । शान्शी प्रान्त की खानों से बहुत कोयला निकाला जाता है। यहीं नहीं कि चीन में कोयला बहुत है वरन वहाँ उत्तम जाति का कोयला मिलता है। शान्शी में अधिकांश कोयला ऐंथासाइट ( Antiracite ) है। चीन में लोहा भी बहुत पाया जाता है। शान्शी, म पेह ( Hupeh ) तथा कियांगसू ( Kiangsu ) प्रान्त में लोहे की बहुत खाने हैं। यहाँ अच्छी जाति का लोहा मिलता है। कोयले और लोहे के अतिरिक्त चीन के जैचुवान रा नान, यूनान, तथा शान्शी, प्रान्त में तेल भी यथेष्ट मिलता है। दक्षिण चीन में टिन निकाला जाता है। इनके अतिरिक्त चीन में ऐन्टिमनी ( Antimony ) तथा वोलफ्रम (Wolfram ) भी बहुत पाया जाता है । चीन में यद्यपि खनिज पदार्थ यथेष्ट हैं परन्तु अभी उनको निकाला नहीं गया है। खानों को खोदने में सबसे बड़ी असुविधा मार्गों का न होना है। चीन में रेलों का विस्तार नहीं हुआ। अधिकांश व्यापार नहरों तथा नदियों के द्वारा होता है । इसके अतिरिक्त चीन में पूंजी की भी कमी है और अभी तक चीन सरकार युद्धों से ही छुट्टी नहीं पा सकी है जो राष्ट्र के औद्योगीकरण की ओर ध्यान देती। चीन औद्योगिक दृष्टि से भी बहुत पिछड़ा हुआ है। आधुनिक ढंग के कारखाने अधिकतर सूती कपड़े के हैं। यह धंधा यांगटसी-कियांग के प्रदेश में केन्द्रित है । कियांगसू-शान्डंग, हा पेह और होप्पे प्रान्तों में यह धंधा केन्द्रित है। शंघाई इसका प्रधान केन्द्र है। चीन का वैदेशिक व्यापार अधिकतर जापान और संयुक्तराज्य अमेरिका से है । यद्यपि युद्ध के कारण जापान का व्यापार कम हो गया है। मंचकाऊ जापान का आक्षित स्वतंत्र राज्य है। मंचकाऊ ( मंचूरिया ) में अधिकतर खेती होती है। गेहूँ, सोयाबीन, मक्का और मंचकाऊ चुकंदर की खेती यहाँ अधिक होती है। मंचूरिया में कोयला और लोहा पाया जाता है। जापान के प्रभाव में होने पर जापानी पूंजीपति यहाँ के खनिज पदार्थो को खोदने का प्रयत्न कर रहे थे किन्तु अब वह जापान से अधिकार के निकल गया है। मंगोलिया मुख्यतः मरुभूमि है, जनसंख्या बिखरी है, और मुख्य धंधा पशुओं को चराना है। पूर्वी तुर्किस्तान भी शुष्क प्रदेश मंगोलिया, पूर्वी है । यहाँ रूई चावल, जौ और कल की खेती है तुर्किस्तान, तथा किन्तु मुख्यतः पशु पालन ही यहां का भी धंधा है।