सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४८८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
४७७
खेती

खेती ४७७ . श्रारम्भ करने की विधि में भिन्नता होने से ही हरी और काली चाय तैयार होती हैं । प्रकृति से पत्ती हरी ही होती है। पिछले वर्षों में भारतवर्ष में चाय की उत्पत्ति बहुत अधिक बढ़ गई। भारतीय चाय का मुख्य बाजार ब्रिटेन है किन्तु वहाँ चाय पर बहुत अधिक चुंगी लगा दी गई है। अन्य देशों में भारतीय चाय को प्रतिस्पर्धी सामना करना पड़ता है। श्रतएव १९३३ से भारतवर्ष में चाय की उत्पत्ति को कम करने का प्रयत्न किया जा रहा है और देश में चाय की खपत बढ़ाने के लिए अनवरत प्रचार किया जा रहा है। चाय की उत्पत्ति को कम करने की नीति अपनाने का परिणाम यह हुआ है कि पटिया बाग छोड़ दिये गये हैं और अन्य बागों में अधिक पत्ती उत्पन्न करने वाले वृक्ष . लगाये जा रहे हैं। इसका परिणाम यह होगा कि भविष्य में कम क्षेत्रफल में अधिक चाय उत्पन्न हो सकेगी। इस समय चाय के बागों के मालिक इस बात का प्रयत्न कर रहे हैं कि कम भूमि पर अधिक चाय उत्पन्न करके उत्पादन व्यय को कम किया जाय साप ही बढ़िया चाय तैयार की जाय । भारतवर्ष में चाय की पैदावार ईस्ट इंडिया कम्पनी के प्रयत्नों से. हुई। प्रारम्भ से ही अंग्रेजी पूंजीपतियों ने सारे चायं के वागों को अपने हाथ में ले लिया। आज भी चाय का धंधा सोलह आने अंग्रेज़ पूंजीपतियों . के हाथ में है। कुछ वर्षों से चाय के धंधे की हालत बहुत अच्छी नहीं है। कहवा उत्पन्न करने वाले देशों में भारतवर्ष का कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं है। यहाँ कहवा विशेष कर दक्षिण में ही उत्पन्न कहवा (.Coffee ) होता है। मैसूर, ट्रावंकोर, कोचीन राज्यों और मदरास और कुर्ग में कहवा उत्पन्न होता है। देश की आधी. से अधिक कहवा उत्पन्न करने वाली भूमि केवल मैसूर राज्य में है: और : २२% भूमि मदरास तथा कुर्ग में है। प्रति एकड़ सबसे अधिक कहवा कोचीन में उत्पन्न होता है और सबसे कम मैसूर में । भारतीय कहवा . ब्रिटेन और फ्रांस को भेजा जाता है। तम्बाकू भारतवर्ष की एक महत्वपूर्ण फसल है। संसार के तम्बाकू उत्पन्न करने वाले देशों में भी भारत का स्थान ऊँची तम्बाकू हैं। पृथ्वी की सम्पूर्ण तम्बाकू की उत्पत्ति का पांचवा ( Tobacco ) भाग भारतवर्ष उत्पन्न करता है। भारतवर्ष में तम्बाकू का सर्वत्र प्रचार है। इसका उपयोग पीने, खाने और सूंघने में बहुत होता है इस कारण अधिकांश तम्बाकू देश में ही खप जाती : "