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पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१८

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री-रेलवे रविष के उबार गोर भाषाद हो गए और खतर सानेगे। उसने दक्षिण में गम्पशान में भी मारी सुपार किए । प्रपोप- सोयो हटाकर माला पदों पर सिनीय और योग्य भषिभरी नियुक्त किए । सैनिक संगठन के कुप्रबन्यो र किन और अनुमती सेनानापको की नियुक्ति। प्रिमों के सभागारों, प्रम मसारी सम्मास्थित पा सपा उमें सम्पन किया। बदिमा सोपथी और मासदाम नियुक्त सि पयोम्बोको प्रसग किया। पसे यों पोष मवरिपतो यई यहाँसम में बार रूपमा सालाना कीमत मी। अम्त में पा समर मी प्राश नवा अपनी बोपी मरिम पर संसार मासे सा पारणा होमे ने रविण से पला । विय ने उत्त के परम धर्म और उसने माइलों के रक्त से बने हापो प्रमो पोह कर पचास वर्ष मो मो से मुगल साम्राम प्र महान rमरान पापणार प्रचरित्र की साली शवाम्मी हिरे बचाव पर भारत nिe t। भारत में विराट में उस मन-पान पर मारपूर्व।। उवरे पामिमप में ही सुपा सामान की सीमाएँ अपनी प्रतिम र पप गई थी। गमनी से डर परगाव का और पाश्मीर से बर नोटर भारत मादेश इसी एक सातामापीन या सहाम ने अपना मासिरी बोध इसी सावन काल में पूर्व सिल प्रभूतपूर्व खित -आमामी राक्नसिक भरण की! तो साप्राम में