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पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२२९

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प्रासमयी। मोशिए मे पापा मुम्मारि विरप्रेरिण और महा-"भत्र मो दोस्त, इन शाईचारादारा शिकोहसिदमत में बोपोरोपियन पर तनहार पाते है। सरेर नये-पोधि वारणात गरे पधियों के समान होते। बिम पद पर पार मा पास से निका बामे रिण चार पो पिर प्रधाना मुरिtm दूसरे ही दिन पावित क्षेकर यानादे सेवा में पगा। पायो रेविर मे उसी माँति हाम रिमा विस मा वि पवार बिमा पा । अठार वर्ष इस गिरी योगेको निर्ममनित करते रेस वारा मे मुरकुगरमा-"क्या तुम पारसी पोज सरो" रेविड ने भरती में पाप दिया--" माला, में पारित और ताविस्वान श्रेमी और पा रहा दारा मे एकल निभा र उसे दिया और मा-या द्रम प्रतयुमा पारटी में कर सकते " मत, रवैरा पापगार एकता पा को मुनारे प्रद में हिमा पा । मेषर ने बसा अभिप्राय धरसी में सुना दिय। सुनकर आप स्तरमा । उठने प्रवप मुरा से भा-यात जीब पर लिया गया है, क्या या भगव" "नीर, माबो प्रभाव और पर पनामा पाए। पनि बारमाह से ही समरे पर शादी सिखते है। जिससे मौसम और हदी गर्मी का रस पर असर न हो।" "क्य नम अपीऽहरिन दरारे मुपसिना पाना चाहते हो" "उसी से", रेपिस मे निर्मपवा से पा। गया इम इमारी सिदमत में पाना पतन पेमे" "फ्नारेमासम, मापसे मसिर मुगल वर पाही भारी सेवा में रहना मेय माग्य होगा" इस बार से परागण चौर उसे चपनी बात सेना में भरती पर क्षिा।