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पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२४४

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समूमगदापुर २२४ एस्ते देवर भाकमर का स्म दिया और वोगेश्रीधीर मोक्ष। सामी प्रामा पाकर रस्सम सौ पाएँ पद पर सही अपनी सेना को लेकर नंगी तसवार सेर रामु पर टूट परातमाममप पाप मुभविता मोरंगकी पन्नी सेना ने, बितन सरदार राऊधिन तापा, विरागामारोप ऐसा करारा था कि मतम शुध कोशिश परमे पर मी पोरंग की वोपो कम पहुँन सका | प्रा अवसर है साहसी रतमा दाहिनी पार से मुग और मम्प माग अपरिपत पोरंगमेव पर झपम । वारेस पौरंगीवाहिनी पार के रक्षा महाएर माँ मे वस्तममी पर रोक भी । पात पमान ए पुरापा पौर बहादुर त पागल होम गिरा । इसपर इस्लामी और रोग मीर उसकामवारे और परे। प्रब रखमी माय विरोष में पिर गया । बर पापस भी हो गया था, पर मी गा पा । फिर मी या अपने दरबारह बीरों के ताप सिगार से गह बनाता परमन की सेना के मध्य भाग में मुमता पला मया और वही क्षेत्र रहा । रपे एए पामन पोर पहुए सैनिक सिपर शिक्षा के साथ पीने चौरे। इस समय औरंगजेब के पार पक्ष में पतपोर पुर मपा एमा पार गों का सामेल में शादी सेना पूर्व सात से मुगरको दमोच गो पी। सब पत्रवान पारवे ये कि सुगर और भोरगी सेना में दरार पर बाबा पा पुने र पमपूतों में से तलवार चममा एमा वीर प्रेगमप माग सवा बझा गया और प्रौरगने पर टूर पहा । मुपर मोर मोरंगरपीच पर पर गई। परन्तु पोरममेव परिक्ष मे कापा को दीपार मार एमपूतो को पेत्र। रामपूतो उन पीरो के सामने एन पक्षी । वासात हाहा अपने पिर नमावत वाँ बावी चौग्ने के लिए उसे ₹६ रापा। माता मी पातीपासून मी तसार हिए पर पाक पीण, मास में प्रति निमनने प्रेबरपय मा विदुरमन