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पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३०

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पदस्थामव ११ दमाम दरबार में सबाय बाया पापापयामे पीये तर से पा-"अमीर मीटमला, मारी बहादुरी, पादारी पोर लिया, हो तुमने दर पसारने में प्रगर की, देखकर हम तुम्हारे निदापन भरपूर ममनून है, और इस रस्साही और सिम के हित में हम में बोरे पात्रम और मुमरयम नाम शिवाय प्रवाहमति मीरममा चामकिर भागेदा और पिर तीन मार मारधार सलाम पर बोला--"यहाँपनाह प्रदानी और मबरे नायव पापा सादिम हेदिल से छकिया मारा है। और अग्नी रही भाई पर Rm पहामत वाली इस गुलाम की बानिवार दीपाएंगे।" बावयार परेर पुरचार मुरकृयते रहे। र उन्होने भा- में बड़ी उम्मीद। और हमारी मापारे पर कमान एक प्रेस पारे प्ररस पर मे। हमने उस बादशाह से पार क्षेनमेघ, पुरक हुई पर किया पा भोर मायापक शायाम व मुश्मि पर भे। के लिए उमा शाही तोपन्माना और पुनीश रिसाइमने रवाना कर दिया।" मीरजममा पप भर पुरचार विर नर मा । पिर उसने पोरे अपने परों में से सबस्ती रामप्रसा-मारिसर समान था। पर बिना अपना मा बबाहर था। उसके प्रप्रय से रपार पयमगा उठा। भोर सादरपये उस प्रमुख मार्ग मोर भेनु नगर से देखने लगे। मौरसुमना मे भर से भागे रानो रामों में का रख उठावर परवाही सेवा में पेय पके दा-पदपनार, चित वर हुमा तमाम दुनिया पात्या में पसेपो, उसी तरह बाहर मी दमाम दुनियो चारपव परवाtaपम १५. औरट और ऐसे बराम दी से राहनाहो मेरा में रहने सापक।पार की पानी