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पृष्ठ:क्वासि.pdf/४१

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कलिका इक बबूल पर फूली कालिका इस चूल पर फूली, इसकी इस करातकित डाल पर वह मा हरनी मूली, कालिका इस बचूल पर फूली। ? इस विकराल, अनुपर, असर, 'अरस फाल प्रा तर म, इक बबूल यह उग आया है, भरे शूल अतर में, कराटक हा एटक करते है इसकी हहर हहर में, अरे, सुरम्या, सुरमित मधु ऋतु इस पर काम शुक्ली ? कलिका इस अबूता पर फूली। २ कत्र आई इसकी छाया में शीतलता सुकुमारी ? किसने इसकी इस छाया में चिर विश्राति निहारी ? इस पर तो कण्टक ही जाते रहते है बतिहारी, मिले उसे कराटक ही, जिसने इसकी डाली छू ली, फलिका ऐसे तरु पर फूली । ३ खड़ा हुआ है, मूल बद्ध है, इस जग में यह अग है, यों यह सोया सा लगता है, पर यह बहुत सजग है, चौदह