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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१६७

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तेरहवाँ अध्याय प्रारंभिक भाषण १७ नवंबर को गोल-सभा की दूसरी सामूहिक बैठक सेंट जेम्स महल में प्रारंभ हुई । ब्रिटिश भारत के ५७, देशी राज्यों के १० और पार्लियामेंट के १५ सदस्यों के अतिरिक्त ३१ मंत्री और सलाहकार और ५ उच्च-पदस्थ सरकारी कर्मचारी उपस्थित थे। सर्दी खूब थी, और हाल में भट्टी जल रही थी। प्रधान मंत्री के नियमानुसार धन्यवाद देने के उपरांत सर सप्र ने अपना भाषण आरंभ किया। उन्होंने कहा-"आज हम भारत और इंगलैंड के पारस्परिक संबंध के इतिहास में एक उज्ज्वल अध्याय लिखने के लिये यहाँ आए हैं। देखें, हम क्या कर पाते हैं ! भारत स्कंठित और बेचैन होकर देख रहा है, और तमाम संसार की आँखें समझौते पर लगी हुई हैं। केवल भारत ही नहीं, ब्रिटेन की संपूर्ण राजनीतिज्ञता की परीक्षा का अवसर आया हुआ है।" इसके उपरांत सर सप्र ने सभा के किए जाने की पूर्व परिस्थिति का विवरण दिया, और वाइसराय के प्रति सम्मान- भाव प्रकट किया। उन्होंने फिर कहा- हम अपने ही देशवासियों की चुटकियाँ