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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/२३७

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पंद्रहवां अध्याय २१६ गारंटी नहीं देगा या जिस पर मुसलमानों की सहमति नहीं ली जायगी, हिंदोस्तान में २४ घंटे से अधिक नहीं चल सकेगा। अ० भा० फेडरशन के सफलतापूर्वक चलने में मुझे पूरा संदेह है। आपकी राय में गैर-मामूली हालतों के लिये वाइसराय को जो असाधारण अधिकार दिए गए हैं, उन्हें सीमित कर देना चाहिए। -मि० शास्त्री ने हिंदू-मुस्लिम समस्या के सफलता पूर्वक हल न होने पर दुःख प्रकट किया ।आपकी राय में केवल डिफेंस और विदेशी नीति के विभाग ही सुरक्षित रक्खे जाने चाहिए, अन्य सब विभागों का नियंत्रण पूर्णतया उत्तरदायी मंत्रियों के सुपुर्द कर देना चाहिए। लॉर्ड पील और सर सेमुएल होर ने सब-कमेटी की रिपोर्ट पर विशेष संतोष प्रकट नहीं किया। उनकी राय में जो हिफ़ा- जतें ( Safeguards ) रक्खी गई हैं, वे काफी नहों। वे आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने में पर्याप्त नहीं होंगी। इससे व्यापारिक जगत् में हिंदोस्तान की साख पर बड़ा धक्का पहुंचेगा। सर तेजबहादुर सपू ने कहा कि फेडरेशन-सिद्धांत में हिंदोस्तान की एकराष्ट्रीयता का विचार अंतर्निविष्ट है । हिंदोस्तान के इतिहास में यह एक बड़ा परीक्षण है, और मेरा इस पर पूरा विश्वास है । सर मिर्जा इस्माईल ने कहा, हिंदू-मुसलमान परस्पर इस झगड़े को कभी निबटाने में समर्थ न होंगे, ब्रिटिश सरकार को चाहिए कि वह भारत सरकार के डिस्पैच के अनुसार निर्णय कर दे। रियासती प्रतिनिधियों ने फेडरेशन के हक में भाषण किए ।