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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/५५

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चौथा अध्याय श्रीयुत सुभाषचंद्र वसु आदि ने आपके प्रस्ताव में संशोधन करने के लिये अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए। वोट लेने पर एक-एक कर सभी संशोधक प्रस्ताव रद हो गए, महात्मा गांधी का मूल-प्रस्ताव पास हो गया। १लो जनवरी, १९३० को दिन के दो बजे से पुनः कांग्रेस का अधिवेशन आरंभ हुआ। इस दिन जो-जो प्रस्ताव पास हुए, उनमें से मुख्य-मुख्य दिए जाते हैं- (१) पूर्वी आफ्रिका के प्रवासी भारतवासियों के विषय में सभापति महोदय को ओर से जो प्रस्ताव किया गया, वह सर्व. सम्मति से स्वीकृत हो गया। (२) श्रीयुत सकलतवाला कांग्रेस में सम्मिलित होने के लिये भारत आने को तैयार थे; पर उन्हें पास-पोर्ट नहीं दिया गया। सरकार की इस काररवाई का विरोध करने के लिये सभा- पति की ओर से जो प्रस्ताव पेश किया गया, वह भी सर्व- सम्मति से स्वीकृत हो गया। ( ३ ) कांग्रेस का अधिवेशन हर साल जाड़े के मध्य में ही हुआ करता है। शीत-प्रधान प्रांत में कांग्रेस होने से स्वागत. कारिणी समिति और प्रतिनिधिगण को गर्म कपड़े खरीदने के लिये प्रायः बहुत अधिक धन खर्च करना पड़ता है। इसके अलावा बहुत जाड़ा होने के कारण इस साल प्रायः १,७००, आदमी बीमार पड़े। इन बातों को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव किया गया कि जब जिस प्रांत में कांग्रेस का अधिवेशन होने