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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/७०

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गोल-सभा कि महात्माजी ठीक ही कर रहे थे। अंत में वही हुआ । लाहौर में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य की घोषणा करके उसके लिये सत्याग्रह प्रारंभ करने का ऐलान कर दिया। महात्माजी ने आपको अल्टी- मेटम दिया, और युद्ध प्रारंभ कर दिया। सारा देश इस युद्ध में पूरे उत्साह से लग गया है। मेरे देश-भाई अपनी जान की भी परवा न करके मैदान में आ गए हैं। सरकार दमन पर उतारू हो गई है । पर इससे आंदोलन और भी बढ़ गया है। आपने जितने भी प्रयत्न किए, वे इसीलिये व्यर्थं हुए, क्योंकि आपने महात्माजी तथा कांग्रेस का जनता पर प्रभाव नहीं सममा। अब भो आप सब काम बंद करके महात्माजी को मिलने के लिये बुलाइए। मुझे कहा जायगा कि इस मामले में तो पार्लियामेंट का ही अधिकार है । यह ठोक है, पर आप भी बहुत कुछ कर सकते हैं। यद्यपि कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा कर दी है, तथापि यदि भारत को शीघ्र ही औपनिवेशिक स्वराज्य देने का विचार कर लिया जाय, तो कांग्रेस इस पर विचार करेगी। मेरी निजू सम्मति है कि दोनो राष्ट्रों का परस्पर संबंध रहना अधिक ८ आवश्यक है। अभी तो इस तरह के विचारवाले बहुत-से लोग भारत में हैं भी, पर यदि इस तरफ ध्यान न दिया गया, और उचित उपायों का अवलंबन न किया गया, तो वह समय शीघ्र आएगा, जब कि डोमीनियन स्टेटस का नाम लेनेवाले भी देश- द्रोही समझे जायेंगे।