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पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 2.djvu/११८

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समझती हूँ मगर रात की बात ने ऐसा डरा दिया कि अब हिम्मत नहीं पड़ती।

नागर––नहीं-नहीं, तुम जब इधर आया-जाया करो तो यहाँ जरूर टिका करो और इस मकान को अपना ही समझो। मैं लौंडियों और नौकरों को इस विषय में पूरा-पूरा हुक्म देती हूँ। यह भयानक घटना जो आज हुई है, रोज नहीं हो सकती, इससे निश्चित रहो।

कमलिनी––क्या कहूँ अभी तक होशहवास दुरुस्त नहीं हुए।

नागर––जरा ठहरो, मैं इस कमरे में जाती हूँ और एक चीज देख कर अभी लौट आती हूँ।

नागर उठी और उस कमरे में चली गई जिसमें कमलिनी सोई थी। मगर, थोड़ी देर बाद आकर बोली, "तुम बेखौफ रहो, आज के बाद फिर कभी इस मकान में ऐसी घटना न देखोगी। क्या करूँ लाचार हूँ, क्योंकि इस समय मुझे झख मार कर रोहतासगढ़ मनोरमा को छुड़ाने के लिए जाना ही पड़ेगा नहीं तो आज एक भारी काम निकलने का मौका आ गया था।"

कमलिनी––तुमने क्या कहा, मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया।

नागर––इन बातों को तुम नहीं समझ सकतीं। खैर, अब तुम्हारा क्या इरादा है? मैं तो रोहतासगढ़ जाने के लिए तैयार हो चुकी हूँ।

कमलिनी––अच्छी बात है। जहाँ तक हो सके जल्दी जाओ, मैं भी एक जरूरी काम के लिए मिर्जापुर जाती हूँ, कल या परसों तक लौटूँगी। मैं तो कल ही चली जाती, मगर तुमने व्यर्थ मुझे रोक लिया।

नागर––मैंने व्यर्थ नहीं रोका था, मगर हाँ, अब उसे व्यर्थ ही कहना चाहिए, खैर माफ करो और कृपा करके मेरी एक बात स्वीकार करो तो बड़ा अहसान मानूँगी।

कमलिनी––वह क्या?

नागर––इस समय तो मैं रोहतासगढ़ जाती हूँ, क्या जाने कब तक लौटना हो, मगर तुम पन्द्रह दिन के अन्दर मुझसे एक दफे जरूर मिलो।

कमलिनी––पन्द्रह दिन तक तो मैं इस प्रान्त में नहीं रह सकती, हाँ पाँच-सात दिन तक में यदि मुझसे मिल सको तो ठीक है।

नागर––शायद पाँच-सात दिन तक मेरा लौटना न हो।

कमलिनी––ऐसा नहीं हो सकता, तुम जिस समय पहुँचोगी और भूतनाथ के कागजात तेजसिंह को दिखाओगी उसी समय मनोरमा की छुट्टी हो जायगी। इसमें कुछ सन्देह नहीं कि तेजसिंह बात का बड़ा धनी है।

नागर––यदि ऐसा हो तो मैं अपने तेज घोड़े पर सवार होकर कल बखूबी रोहतासगढ़ पहुँच सकती हूँ।

कमलिनी––ऐसा करो तो तुम चार ही दिन में लौट आओगी। मैं भी कल या परसों मिर्जापुर से आ जाऊँगी और जब तक तुम न लौटोगी इसी मकान में टिकी रहूँगी क्योंकि मनोरमा ने पुनः मिलने के लिए मुझसे कसम खिला ली है। अस्तु, पाँच-चार दिन तक अपना हर्ज करके भी मनोरमा के लिए यहाँ अटकना आवश्यक है।