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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/१३२

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चांदी की डिबिया
[ अड़्क २
 

बार्थिविक

[ कुछ उठकर ]

आइये, बन्दगी।

स्नो

बन्दगी साहब! बन्दगी मेम साहब! मैं यह बतलाने आया हूं कि उस मामले में मैंने क्या किया। मुझे डर है, कि मुझे कुछ देर हो गई है मैं एक दूसरे मुक़दमे में चला गया था।

[ चाँदी की डिबिया जेब से निकालता है। बार्थिविक परिवार में सनसनी फैल जाती है ]

मैं समझता हूं यह ठीक वही चीज़ है।

बार्थिविक

ठीक वही, ठीक वही।

स्नो

निशान और अंक वैसे ही हैं, जैसे आपने बतलाए थे। मुझे तो इस मामले में ज़रा भी हिचिक नहीं हुई।

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