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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/२१२

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चाँदी की डिबिया
[ अड़्क ३
 

मैजिस्ट्रेट

अच्छा!

जोन्स

[ आहिस्ता से और कई बार रुककर ]

तो मैंने उन्हें कुंजी का सुराख़ दिखा दिया। वह नवाबों की तरह शराब में चूर था। तब वह चला गया लेकिन थोड़ी देर के बाद लौटकर बोला, मेरे पास तुम्हें देने को कुछ नहीं है। लेकिन अन्दर आकर थोड़ी सी पी लो। तब मैं अन्दर चला गया। आप भी ऐसा ही करते। तब हमने थोड़ी सी ह्विस्की पी। आप भी इसी तरह पीते। तब छोटे मिस्टर बार्थिविक ने मुझसे कहा, थोड़ी सी शराब पी लो। और तम्बाक़ू भी पियो। तुम जो चीज़ चाहो ले लो। यह कह कर वह सोफ़ा पर सो गया। तब मैंने थोड़ी सी और शराब पी। और सिग्रेट भी पिया। फिर मैं आपसे नहीं कह सकता कि इसके बाद क्या हुआ।

२०४