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पृष्ठ:चाँदी की डिबिया.djvu/४४

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चाँदी की डिबिया
[अङ्क १
 

जैक

मारे दर्द के सिर फटा जाता है

[अपने हाथ पर सिर झुका लेता है]

मिसेज बार्थिविक

सिर में दर्द कब से होने लगा बेटा? कुछ नाश्ता तो कर लो।

जैक

[सांस खींचकर]

बड़ा दर्द हो रहा है!

मिसेज बार्थिविक

क्या उपाय करूँ? मेरे साथ आओ बेटा! मैं तुम्हें ऐसी चीज़ खिला दूंगी कि सारा दर्द तुरन्त जाता रहेगा।

[दोनों कमरे से चले जाते हैं; और बार्थिविक ख़त को फाड़कर अँगेठी में डाल देता है। इतने में मारलो आ जाता है और चारों ओर आँखें दौड़ा कर जाना चाहता है।]

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