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पृष्ठ:धर्म के नाम पर.djvu/१

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धर्म के नाम पर !!!

 

हत्या, अपराध, व्यभिचार, पाप, पाखण्ड, अनाचार,
झूठ, ठगी, धूर्तता, छल, बेवकूफ़ी।

 

[धर्म-क्रान्ति की सर्वथा नवीन और ज़ोरावर पुस्तक]

 

लेखक—
आचार्य श्रीचतुरसेन शास्त्री

 

 

प्रकाशक—
इन्द्रप्रस्थ पुस्तक भण्डार
दरीबा कलां, देहली।

 

 
प्रथमवार }
{ मूल्य १)
सम्वत् १९९० वि॰