पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१८८

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१३० परमार्थसोपान [ Part I Ch. 4 12. INADEQUACY OF MERE YOGA FOR THE REALISATION OF GOD. तो भी कच्चा वे कच्चा, नहीं गुरू का बच्चा 11211 दुनिया तजकर खाक लगाई, जाकर बैठा बन मों । खेचरि मुद्रा बज्रासन पर, ध्यान धरत है मन मों ॥ १ ॥ गूपित होके परगट होवे, जावे मथुरा कासी । प्राण निकाले सिद्ध भया है, सत्य लोक का बासी तीरथ कर कर उम्मर खोई, जोग जुगति में सारी । धन कामिनि को नजर न लावे, 11 3 11 जोग कमाया भारी 2 || 3 || (Contd. on p. 132 )