पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/५२६

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28 The present-day interpretation of ' इस जमाने में - would be In these days of secular government'. 16. यथासङ्ख्य यथासङ्ख्यं क्रमिकाणां क्रमेणैव समन्वयः Corresponding and Consecutive statement:- भाव कुभाव अनख आलस हूँ नाम जपत मङ्गल दिसि दस हूँ • भावसहित शकर जयौ, जपि कुभाव मुनि वालि कुम्भकरन सालस जप्यौ, अनखसहित दसमाथ । 17. स्वभावोक्ति - -II. 4. 23. ( a ) From the physical point of view:- (i) तन थाके, कर कम्पन लागे, ज्योति गई नयनन तें । (ii) सन्निपात कफ कण्ठ निरोधी, रसना टूटी जात । -I-I-8 (b) From the spiritual point of view :- 18. उदात्त -- घूमत नैन शिथिल भइ काया, अमल जो सुरत सनी । - रोम रोम अनंद अपज करि, आलस सहज भनी ॥ उदात्तं वस्तुनः सम्पत् ' ( सम्पत् = समृद्धिः ) -- I. 5.14 ( a ) मोतियन का मुँह वरसता, सो ब्रह्मा ज्ञान विधाता, खूब देख नजरसे अभी, रंज सोना विखरा सभी, आगे पीछे मोरकी पाँखें, लहलहाट बिजली चमके ॥ -I-5-12