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पृष्ठ:बिल्लेसुर बकरिहा.djvu/७१

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का सेकसरिया पारितोषिक प्रदान किया है। प्रत्येक कविता-प्रेमी के लिए यह सुन्दर कलाकृति संग्रहणीय है। मूल्य १॥)

वर्षगांठ
लेखिका––श्रीमती सुमित्राकुमारी सिनहा

निरालाजी ने इस पुस्तक के प्राक्कथन में लिखा है––"आधुनिक रचनाशैली की वे (सुमित्राकुमारी सिनहा) पहली महिला हैं। रूढ़ियों की पवित्रता की चारदीवारी के बाहर उनकी निगाह गई है। प्रचलित जीवन के चित्रण उनकी रचनाओं में बड़ी खूबी से आये हैं। वे समय के साथ हैं......जिससे समाज की सच्ची सूरत साहित्य में प्रतिफलित हुई है। यहाँ वे अपनी बहनों में अग्रगामी हैं.....पढ़ने पर एक प्रकार का नया साहस आता है। मूल्य केवल १|)

अचल सुहाग
लेखिका श्रीमती सुमित्राकुमारी सिनहा

जितने प्रेम से श्रीमती सुमित्राकुमारीजी सिनहा का काव्य-साहित्य पढ़ा जाता है, उतने ही प्रेम से उनका कथा-साहित्य भी। यदि आप भावों की प्रभावोत्पादकता, वर्णन-शैली की मनोरंजकता और अनुभव की सत्यता देखना चाहें तो इस कहानी-संग्रह को अवश्य पढ़ें। मूल्य १)

वनस्पतिशास्त्र (सचित्र)
लेखक––डा॰ महेशचरण सिनहा एम॰ एस-सी॰

इस विषय की यह पहली पुस्तक हिन्दी में है। इस विषय की जानकारी सभी किसानों, ज़मींदारों, तथा वैद्य, हकीमों के लिए आवश्यक है। इस शास्त्र के पढ़ने के लिए जितनी सुगमता हमारे देश में है, अन्य जगहों में नहीं, फिर भी अधिकतर लोग इससे अनभिज्ञ हैं। उन्हीं के लिए यह पुस्तक लिखी गई है। विद्यार्थियों के लिए भी यह बड़ी उपयोगी है। इस पुस्तक को लिखकर स्वर्गीय लेखक ने एक बड़ी कमी को पूरा किया है। चित्र-संख्या २३० मूल्य केवल ३॥)