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पृष्ठ:भारतेंदु नाटकावली.djvu/६३५

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भारतेंदु-नाटकावली


सोम॰––(हाथ जोड़कर) माँ, जो आज्ञा होगी वही करूँगा!

नील॰––अच्छा सुनो। (पास बुलाकर कान में सब विचार कहती है)

(एक ओर से कुमार और दूसरी ओर से रानी जाती हैं)
(पटाक्षेप)