सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३३९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
८३
सिराजुद्दौला

सिराजुद्दौला जिम्मेदार होंगे;xxx चंद रोज़ के अंदर मैं x x x और अधिक जहाज और सेना मॅगा लूँगा और आपके मुल्क में ऐसी आग लगा दूं कि गंगा का तमाम जल भी उसे बुझा न सकेगा।xxx" वाट्सन ने अब अपना असली रूप धारण कर लिया। फरवरी के सुलहनामे में सिराजुद्दौला ने यह सिराजुद्दौला की का वादा किया था कि अंगरेजों की तमाम कोठियाँ सच्चाई २ और माल उन्हें वापस दे दिया जावेगा और जिन अंगरेजों का नुकसान हुआ है उनको सरकार की तरफ़ से हरजाना दे दिया जावेगा। ये वह 'शर्ते' थीं जिन्हें वाट्सन ने 'दस दिन के अंदर पूरा करने पर अब जोर दिया। मामूली अदालतों की डिगरियों की काररवाई होने में भी काफी देर लगती है। लाइव के नीचे लिखे पत्र से जाहिर है कि सिराजुद्दौला पूरी ईमानदारी और काफीजल्दी के साथ अपने शाही वादों को पूरा कर रहा था। ३० मार्च को चन्द्रनगर से लाइव ने एक पत्र में लिखा:- "सिराजुद्दौला ने जो सन्धि हमारे साथ की थी उसको अधिकांश शर्ने वह पूरी कर चुका है। तीन लाख रुपए वह हमें अदा कर चुका है और बहुत सा माल और धन हमारी अनेक मातहत कोठियों में हमारे पास जमा कराया जा चुका है और मुझे कोई संदेह नहीं कि नवाब के तमाम वादे ठीक समय पर पूरे किए जावे "*

  • ! Srmuddos lali Jas fulfilled nostaith articles of the treaty

Pacl ruth is The three Iack of rupees are already pard and goods and anone toAPOnsaderable amount del.pered up to us at our several stbords-