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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३९९

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मीर जाफ़र

मीर जाफर का लिखा हुआ वह पत्र पढ़ा गया, जिसका जिक्र ऊपर एक जगह आ चुका है। उस पत्र में लिखा था:- "नवाब जाफरअली खां निहायत ज़ालिम और लालची तबीयत का आदमी था, साथ ही बड़ा काहिल भी था, और उसके आस पास के अादमी था तो कमीने, गुलाम और खुशामदी थे या उसकी बुरी इच्छाओं को पूरा करने के ज़रिये थे ! हर श्रेणी के इस तरह के लोगों की बेहद मिसालें मौजूद हैं जिनका बिना किसी वजह के उसने खून कर डाला !"* इसके बाद इसी पत्र में पिता या पति के नाम इत्यादि समेत बड़ी तफ़सील के साथ अनेक ऐसे पुरुषों और स्त्रियों की सूची दी हुई है, जिनकी बाबत कहा गया है कि मीर जाफर ने उन्हें मार डाला। किन्तु १ अक्तबर सन् १७६५ को मीर जाफ़र की मृत्यु के बाद क्लाइव और उसके साथियों ने डाइरेक्टरों के नाम एक दूसरा पत्र भेजा जिसमें लिखा है:- xxx हम आपको सूचित कर देना अपना फ़र्ज़ समझते हैं कि मि. हॉलवेल ने xxx जिन भयंकर हत्याओं का इलज़ाम भीर जाफ़र पर लगाया है वे उस नवाब के चरित्र पर झूठे कलंक और उसके साथ जल्म है। उनमें जरा भी सच्चाई नहीं है, जिन स्त्री पुरुषों की (हॉलवेल के उस पत्र में),

  • | The Nazab Julter Ali Kran, was of a temper extremely tyrant 101

___end ar ancious at the same time ter:- indolent and the people arout hum being either abject slaves and filatterers. or else the base instruments of his vices, . numberless are the instances of mer, of all degreev, whose blood he has spilt without the least assagred reason "-Holwels Address to ___the proprietors of the East India Stock, P 46