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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/४०३

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मीर जाफ़र

मीर जाफर इससे सरकारी श्रामदनी का बड़ा मद टूट गया और मुर्शिदा- बाद दरवार की माली और राजनैतिक स्थिति को और अधिक धक्का पहुँचा। नवाब और उसकी प्रजा के साथ यह जबरदस्त अन्याय था। किन्तु कम्पनी के लिए आमदनी का और जैसा आगे चल कर सावित हुआ जालसाजी का एक बहुत बड़ा नया मद खुल गया। कम्पनी को इस तरह जो कुछ लाभ हुआ उसके अलावा मीर कालिम ने इस अहसान के बदले में वन्सीटार्ट और उसके साथियों को बीस लाख रुपए नकद बतौर नज़राने के भेंट किए। अनेक इतिहास लेखकों ने कड़े शब्दों में मीर जाफर के साथ अंगरेजों के इस विश्वासघात की आलोचना की है। इतिहास लेखक टॉरेन्स लिखता है:- "उन लोगों तक में, जिन्होंने यूरोपनिवासियों को दिखाने के लिए यूरोपवालों के एशियाई करतूतों पर मुलम्मा फेरने की ज़िम्मेदारी अपने अपर ले रक्खी है, इस अन्याय को प्रायः कोई भी क्षम्य नहीं कहता । मीरजाकर xxx और कम्पनी के बीच मित्रता की कसमें खाई जा चुकी थीं और वह मित्रता खून से पक्को की जा चुकी यो । और यदि कभी भी ईमानदारी का कम से कम ऊपरी रूप बनाए रखना मनुष्य के लिए जरूरी था तो इस मामले में कलकत्ते के गवरनर और उसकी कौन्सिल को इतनी शर्म होनी चाहिये थी। किन्तु इस पर भी उस दो लाख पाउण्ड के बदले जो उन्हें व्यक्तिगत हैसियत से मिले और उन तीन जरखेज इलाकों के बदले