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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/८४

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पुस्तक प्रवेश

पुत्रा पर परास्त कर मारत से हुण जाति की हुकूमत को मिटा दिया इसके बाद राज्यवर्धन ने शेष उत्तर भारत से हुण जाति के रहे सहे प्रभाव का भी अन्त कर दिया। अब हम उन सब हमलों को एक एक कर बयान कर चुके हैं लो मुसल- मानों के हमले से पहले भारत पर हुए थे। हमने यह सारा बयान यूरोपियन इतिहास लेखकों की किताबों से ही लिया है। इससे पूरी तरह अनुमान किया जा सकता है कि भारत पर उस समय तक कितने और किस तरह के हमले हुए । भारत ने कहाँ तक कामयाबी के साथ उनका मुकाबला किया, उन हमलों से भारत को कहां तक हानि या लाभ हुया, और इन सब हमलों में और भारत पर अंगरेज़ों के हमले में कितना ज़बरदस्त अन्तर था। अन्य देशों पर हमले सच यह है कि कम या ज्यादा बाहर से हमलों का होना हर मुल्क के इतिहास में एक मामूली बात है । फिर भी भारत पर कभी भी इतने ज़्यादा हमले नहीं हो पाए जितने बाकी संसार के ज़्यादातर देशों और खास कर यूरोप के करीब करीब हर देश पर । इसके सबूत में अब हम यूरोप के विविध देशों पर बाहर के हमलों और उनके नतीजों का सार वृत्तान्त यूरोपियन लेखकों ही के आधार पर देते हैं, जिससे यह भी मालूम हो जायगा कि भारत में कभी इस तरह के हमलों की वजह से उस बरबादी का हज़ारवां हिस्सा भी देखने में नहीं आया, जो बरबादी कि इस तरह के हमलों के सबब से तमाम यूरोप में एक हज़ार साल से ऊपर तक फैली रही । यूरोप पर एशियाई जातियों के हमले अनेक यूरोपियन इतिहास लेखक स्वीकार करते हैं कि यूरोप के ऊपर