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पृष्ठ:भाव-विलास.djvu/१४१

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नायिका-वर्णन

 

७—प्रोषितप्रेयसी
दोहा

सो तिय प्रोषितप्रेयसी, जोकौ पति परदेस।
काहू कारन ते गयो, दै कें अवधि प्रबेस॥

शब्दार्थ—सरल है।

भावार्थ—जिसका पति आने की अवधि निश्चित करके परदेश चला गया हो उसे प्रोषितप्रेयसी नायिका कहते हैं।

उदाहरण
सवैया

होरी हरें हरे आइ गई, हरि आए न हेरि हिये हहरैगी।
बानि बनी बनबागनि की, कविदेव बिलोकि वियोग बरैगी॥
नाउँ न लेऊ बसन्त कौ री, सुनि हाय कहूँ पछिताय मरैगी।
कैसे कि जीहै किसोरी जो केसरि, नीर सों बीर अबीर भरैगी॥

शब्दार्थ—हेरि—देखकर। हहरैगी—दुःखी होगी। बियोग बरैगी—बिरह की अग्नि में जलेगी—अर्थात् विरह से दुःखी होगी। नाउँन लेउ—नाम मत लो।

८—अभिसारिका
दोहा

जो घेरी मद मदन करि, आपहि पति पर जाई।
वेष अङ्ग अभिसारिका, सजै समान बनाइ॥