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पृष्ठ:भूगोल.djvu/५७

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भूगोल [वर्ष १६ जमाया तो यह राज्य दिल्ली राज्य के आधीन होगया। मदनपाल राजा बनाये गये । इन्होंने गदर में मुगल साम्राज्य के अवनति के समय यह मरहठों के अंग्रेजों की सहायता की। राजा ने कोटा के बागियों अधिकार में गया और उन्होंन ३७,५०० रु० सालाना को दबाने के लिये एक सेना भेजी थी। इन सेनाओं कर लगाया। १८५७ में पेशवा ने इसको अँग्रेजों को के बदले २०,५०० २० का कर्ज जो राजा के ऊपर दे दिया। राजा के कहने पर यह कर इस शत पर अँग्रेजों का था माफ किया गया, राजा को जी० सो० माफ कर दिया गया कि राजा अपनी शक्ति के अनु एस० आई० की उपाधि मिली। राजा को सम्मानार्थ सार समय पड़ने पर ब्रिटिश सरकार को सेना देगा। एक पोशाक दी गई। राजा को १७ तोपों की सलामी उसी समय अँग्रेजों ने राज्य की रक्षा का भार भी मिलने लगी। १८६९ में राजा की मत्यु हो गई । अपने ऊपर ले लिया। उसके बाद तीन व्यक्ति गोद लिये गये और गद्दी पर १८५२ में नरसिंह पाल को मृत्यु हो गई। इस बैठाए गए । १८८३ ई० में देखभाल करने वाली का उ- निमल ने तीन विभागों में राज्य का प्रबन्ध बाँट दिया ममय कोई भी राज्य का उत्तराधिकारी न था। इस और इस प्रकार राज्य का प्रवन्ध किया। बात पर विचार हुआ कि राज्य को बृटिश साम्राज्य में मिला लिया जाय किन्तु कोई कारवाई न करके वर्तमान नरेश हिज हाईनस महाराजा मर भोमपाल गज्य सुरक्षित रखा गया । १८५७ ई० में महाराज देव बहादुर मादुकुल चन्द्रभान के०सी०एस आई हैं। XXXX कोटा कोटा का प्रसिद्ध किला । (जहों के राजा ने राणा संग्राम सिंह के साथ मिल कर बाबर से लोहा लिया था ।)