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मिश्रबंधु

सं. १९६८ उत्तर नूतन (४) कर्णामृन, (५) अमृतोदधि; (६ ) काव्य-कुसुमोद्यान, (७) संगीत-रत्न-प्रकाश । विवरण-गद्य-पद्य-लेखक । नाम-( ४१५३) गोपालशरणसिंह, इलाका नई गढ़ी, राज्य रीवाँ। जन्म-काल-सं० १९४८। अंथ---स्फुट रचनाएँ। विवरण-श्राप सेंगर-वंशोरपन्न लाल जगतबहादुर के पुत्र हैं। सीवी-राज्य के सुप्रतिष्ठित एवं राज्य-चिह्नों से सुशोभित इलाक- दारों में से हैं । १९६२ से सरस्वती, माधुरी श्रादि पत्रिकाओं में आपकी कविताएँ प्रकाशित होती हैं। वे सरस और सरल हैं। सं० १९८२ में आप अखिल भारतवर्षीय कवि-सम्मेलन, वृदावन के निर्वाचित सभापति हुए। नाम-(४१५४) चंद्रराज भंडारो। अंध-(१) भनि-योग, (२) श्रादर्श देश-काल, ( ३ ) गांधी- दर्शन, (४) सिद्धार्थ कुमार, (५) सम्राट अशोक, (६) भारत के हिंदू समाद , (७) नैतिक जीवन, (८) नाट्य-कला-दर्शन। विवरण---आप भानपुरा, इंदौर के रहनेवाले तथा सुखसंपत्तिराय के कनिष्ठ भ्राता है नाम-(४११५) जयकृष्ण मिश्र बी० ए०, मैनपुरी। कविता-काल-सं० १९६८ । अंथ-अँगरेजी की प्रसिद्ध गीतिका ( Gray's Glegy) का पद्यानुवाद। विवरण-यह पं० ल्यालीराम मिश्र के पुत्र हैं। इनका जन्म स्थान पिनाहट, जिला आगरा है, किंतु अब यह मैनपुरी में रहते हैं। आप 1