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मिश्रबंधु

सं० १९७५ उत्तर नूतन

उदाहरण- अानो प्रिय रितुराज कोकिला स्वागत करती डार रसालन वैठि कुहुकि सबका मन हरती ।। चहुँ दिशि मंद-सुगंध पौन शीतल बहती है। वन-उपवन पिक-चहकि-चहकि आगम कहती है। .. नाम- (४२७५ ) रामधारीप्रसाद विशारद, भगवानपुर (मुजफ्फरपुर) जन्म-काल-सं० १९१२ । रचना-काल-सं० १९७५ ग्रंथ--(१) ध्रुवतारा, (२) जयमाल ! विवरण-----यह श्रीवास्तव कायस्थ बाबू वासुदेवनारायण के

नाम--(४२७६ ) रामप्रसाद त्रिपाठी (डॉक्टर) लूकर- गंज, प्रयाग। जन्म-काल-सं० १९१० । रचना-काल-सं० १९७५ ! विवरण ---आप इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इतिहास के रीडर ( उच्च अध्यापक ) हैं । उच्च विद्या प्राप्त श्रमशील सजन हैं। ऐसे महानुभावों के पदार्पण से हिंदी को बहुत कुछ आशा है। नाम--(४२७७ ) रामलोचनशरण 'बिहारी', राधाऊर, मुजफ्फरपुर। जन्म-काल-सं० १९४५ , रचना-काल-लगभग सं० १९७५ । ग्रंथ-(१) व्याकरण-चंद्रोदय, (२) रचना-चंद्रोदय, (३) शालोपयोगी पुस्तकें । .. . विवरण-यह रौनियार-वैश्य श्रीयुत महगू साहू के पुत्र हैं।