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मिश्रबंधु

सं० १९८२ चक्र उत्तर नूतन गोस्वामी के पुत्र सं० १९८० में टी० टी० सी० सं० १९८७ में हिंदी-साहित्य-सम्मेलन की विशारद-परीक्षा पास की। विशेषतः राष्ट्रीय काव्य करते हैं। उदाहरण- जगती तल का स्वर्गागार, मनुप्यता का बर भंडार । जहाँ सुलभ जीवन - संचार, वहाँ आज क्यों पापाचार ? दिग्विजई विद्वान नरेश, वैभवशाली मुनिवर वेप। जहाँ निरंतर हुए विशेष, वहाँ अाज क्यों रौरव क्लेश । नाम-(४४७६ ) दीनानाथ व्यास (विशारद )। जन्म-काल-सं० १९६६। रचना-काल-सं० १९८२ ग्रंथ---(8) गांधी-दर्शन, (२) खंड कान्य का समर्पण, स्फुट 'कविताएँ तथा गद्य-लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। विवरण- उज्जैन-निवासी भार्गव-वंश में जन्म, साहित्य रत्न तथा हिंदी के निस्स्वार्थी सेवक हैं। नाम-(४४८०) महेशचंद्रप्रसाद एम्० ए०, कायस्थ, पटना। जन्म-काल-सं० १९१७ । रचना-काल-लगभग सं० १९८२ ग्रंथ-(१) संस्कृत-साहित्य का इतिहास, (२)ज्ञान-गंगा, (३) भारतेश्वर का संदेश श्रादि। विवरण--श्राप पटने से निकलनेवाले शिक्षा-सेवक' पत्र के संपादक हैं।