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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/१२६

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हमारे सब कामों का पहला उद्देश्य उनका हित ही है । आप लोगों को जो उज्वल दृष्टि प्राप्त है वही आप उन लोगों में फैलाइये । आप लोगों के जैसे व्यापक विचार हैं और भौतिक सुख के जो अवसर आप लोगों को प्राप्त हैं उनमें भाग ले सकने के निमित्त दूसरो की सहायता करना भी आपका कर्तव्य है । अपनी नीतिका संरक्षण करना ही पर्याप्त नहीं है । हम लोगों को आगे बढ़ना होगा और उनका पथ-प्रदर्शन करना होगा । यह काम सरल नहीं है। इसमें अध्यवसाय एवं धैर्य की आवश्यकता है, किन्तु मुझे विश्वास है कि आप लोगो के प्रयत्न से यह कार्य सफलता पूर्वक किया जा सकता है । इस काम में मेरी सरकार की ओर से आप लोग पूरी सहायता की आशा कर सकते हैं । सिविल सविस के कर्मचारी भी आपके सहायक है जिन्होंने अनेक झूठी बातों एवं विरोध का सामना कर संशोधित शासन-प्रणाली के अनुसार कार्य करने में स्तवन्त्र और असंकुचित रूप से सहयोग किया है और अब भी उसकी सहायता के लिये प्रयत्न कर रहे हैं । वे आपकी सहायता के लिये तैयार हैं और उन्हें भी आपकी सहायता की आशा है । आप लोग अपने चारों ओर सुधारों के विरुद्ध बातें सुन रहे हैं, आपके अभिप्रायों का उलटा अर्थ लगाकर आपके अधिकारों को आलोचना की जा रही है, आपकी सफलताओं का महत्व कम दिखलाया जाता है, आपके उद्देश्य निन्द्य कहे जाते हैं ।"