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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४२०

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प्रश्नोंका प्रश्न

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( मार्च १०, १९१९ )

महात्मा गान्धीने लिखा है:---

इस समय खिलाफतका प्रश्न. प्रश्नों का प्रश्न हो रहा है। इस समय यह प्रश्न साम्राज्यके लिये सर्व प्रधान हो रहा है ।

इङ्गलैण्डके प्रधान नीतिज्ञोंने तथा मुसलमान नेताओंने इस प्रश्न को उठाकर सबसे आगे रख दिया है। इङ्गलैण्डके नीतिज्ञों ने चैलेज दिया और मुसलमान नेताओंने इसका मुकाबिला किया ।

मुझे पूरी आशा है कि भारतके हिन्दू इस बातको अच्छी तरह समझ गये होंगे कि खिलाफतका प्रश्न सुधार तथा इस तरहकी अन्य बातोंके भी ऊपर है ।

यदि मुसलमानोंकी मांग केवल धार्मिक दृष्टिसे उचित होती और उसके समर्थनके लिये अन्य कोई कारण न होता तो कदाचित केवल धार्मिक दृष्टिसे उसका प्रतिपादन करना कठिन था। पर यदि कोई मांग उचित हो और उसका समर्थन धार्मिक अन्यसे भी होता हो तो उसका महत्व और भी बढ़ जाता है ।

संक्षेपमें मुसलमानोंकी निम्न लिखित मांगे हैं : यूरोपियन तुर्की तुर्को के हाथमें रहना चाहिये। तुर्क साम्राज्यमें मुसल-