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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४६१

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खिलाफत और गोवध


मानकी रक्षा करना अपना धर्म समझते हैं तो वे गोवध बन्दकर सकते हैं। चाहे हिन्दू उनके साथ सहयोग करें या न करें। यद्यपि मेरे हृदयमें गोमाता के प्रति किसी भी हिन्दूसे कम श्रद्धा नहीं है तोभी मैं गोहत्याको बन्द कराना मुसलमानोंके साथ सहयोग करनेकी शत नहीं रखना चाहता। बिना किसी शर्तके सहयोग ही गोरक्षाका असली रूप है ।

“पंजाबके प्रश्नपर भी हमारा आपसे मतभेद है । मैं पंजाबके घावोंके भीतर प्रवेश कर गया है। लोगोंके हृदयों में उनसे कड़ी चोट पहुंचो होगी पर मैं यह भी दृढ़ताके साथ कह सकता हूँ कि इस दुर्घटनासे मेरो आत्माको जितना कष्ट हुआ है शायद किसीको न हुआ होगा तोभी मैं यही कहता हूँ कि पंजाबकी बात यहां चलाना उचित नहीं। पंजाबपर चाहे कितने हो भीषण अत्याचार क्यों न किये गये हों पर उनके कारण हम लोग साम्राज्य के विजयोत्सवका बहिष्कार नहीं कर सकते। अपनी इस कार्रवाईको चरितार्थ करनेके लिये हम लोग यह नहीं कह सकते कि पंजाबके अत्याचारों का प्रतीकार नहीं हुआ है। हण्टर कमेटी अपना काम कर रही है। कांग्रेस सबकमेटी भी काम कर रही है। हम लोग विजयोत्सवका वहिष्कार केवल उन बातोंके लिये कर सकते हैं जिनका सीधा सम्बन्ध सन्धि परि- षदसे है।

"इस तरहका प्रश्न केवल खिलाफत है। इसके निपटारेके सम्बन्ध में हम लोग केवल अन्धकारमें ही नहीं है बल्कि, हम

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