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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४९

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हजारों निर्दोष नवयुवक बिना विचार के जेलों में ढूंस दिये गये। कांग्रेस बराबर इस घृणित दमन नीति का विरोध करती रही पर इसका कुछ भी परिणाम नहीं निकला। जिस समय देश में इस तरह का असन्तोष फैल रहा था यूरोप में भयङ्कर युद्ध छिड़ गया।

असहयोग आन्दोलन

इस बात को जानने के लिये कि असहयोग आन्दोलन क्यों जारी किया गया और इसका भारत के इतिहास में क्या महत्व है, इससे पहले की कुछ घटनाओं को जान लेना अति आवश्यक है। उनका परिचय पाकर यह सहज में ही समब में आ जायगा कि खिलाफत कांफरेन्स तथा राष्ट्रीय महासभा ने इसे क्यों स्वीकार किय।

भारत और युद्ध

जिस समय १९१४ में यरोपमें भयङ्कर महाभारत उपस्थित हुआ और जर्मनी का प्रबल प्रताप मित्रराष्ट्रों को दबाता चला जा रहा था, भारत एक होकर ब्रिटिश सरकार की सहायता के लिये