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पृष्ठ:रघुवंश (अनुवाद).djvu/१२१

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पाँचवाँ सर्ग।

सन्ध्यावन्दन आदि सारे प्रातःकालीन कृत्य किये। तदनन्तर उसके निपुण नौकरों ने उसका, उस अवसर के योग्य, शृङ्गार किया—उसे अच्छे अच्छे कपड़े और गहने पहनाये। इस प्रकार ख़ूब सज कर, उसने, स्वयंवर में आये हुए राजाओं की सभा में जाकर बैठने के लिए, अपने डेरे से प्रस्थान किया।