मौलाना आजाद की हिंदुस्तानी मेरी जिंदगी की हकीकतों ने पैदा किया है। इसलाम को रूह मुझे इस से नहीं रोकती। वह इस राह में नेरी रहनुमाई करती है । मैं खू के साथ महसूस करता हूँ कि मैं हिंदुस्तानी हूँ। मैं हिंदुस्तान की एक और नाकाविले तकसीमर मुराइदा गौमियत का एक अंसर हूँ। मैं इस मुत्तहदा कौमियत का एक अहम अंसर हूँ जिसके बगैर इसकी अजमत का हैकल अधूरा रह जाता है। मैं इसकी तकवीन ( बनावट ) का एक नागुजार अानिल ( factor )हूँ ! मैं अपने इस दावे से कभी दस्तबरदार नहीं हो सकता। वहीं, पृष्ठ ३६५-६) ध्यान देने की बात है कि राष्ट्रपति कांग्रेस के सभापति मौलाना 'श्राजाद' कांग्रेस के रामगढ़ के अधिवेशन में एक ओर जहाँ मुसलमान होने का अभिमान करते हैं दूसरी ओर वहीं हिंदु- स्तानी होने का भी। किंतु हमारे देश के कितने नेता ऐसे हैं जो वास्तव में साहस के साथ ऐसी घोषणा कर सकते हैं ! किसी महात्मा को हिंदू होने का अभिमान कब हुआ और किसी जिन्ना को हिंदुस्तानी होने का फन, १ कारण जो हो, पर इतना तो निर्विवाद है कि मौलाना अबुलकलाम की दिलेरी किसी भी दूसरे नेता में देखने को नहीं मिलती। कितना पक्का विश्वास और कितना दृढ़ निश्चय है। कहते हैं कि- १-पथप्रदर्शक । २-विभाजन । ३- एकनिष्ठ 1 --जातीयता। -अंग।६-मुख्य । ७--बड़प्पन । ८-शृंखला। 8-अनुपक्ष- सीय । १०-अलग।