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और वे
जो
मुल्क को जानने, बताने समझाने के व्यवसाय में थ
उन्होंने किसान को आतंकवादी कहा
वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 94
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मुल्क को जानने, बताने समझाने के व्यवसाय में थ
उन्होंने किसान को आतंकवादी कहा
वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 94