सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:समाजवाद पूंजीवाद.djvu/१३२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१२५
पूंजी के अत्याचार

पूंजी के अत्याचार में नो स्वीकार नहीं कर सकता; किन्नु यदि तुम इतनी धन-राशि या श्रमुक चीज़ के एवज में मुन्ने अनुचित सम्बन्ध र लो तो उसे सदा 'ना नहीं सुननी पड़ेगी। चदि मदाचार का इंड क्षुधा और दुराचार का उपहार त्रुधा की निवृत्ति हो तो यह पतन के गड्ढे में उसे खींच ले जाने के लिए काफ़ी सबल प्रलोभन है। पूंजीवादी पद्धति में अनुचित सम्बन्ध प्रोत्साहन पाने हैं । यदि इंग्लएड में किसी अविवाहित स्त्री के बच्चा पैदा हो तो उसके पिता को बच्चे की परवरिश के लिए १६ साल की उम्र तक ॥ गिलिग पनि सप्ताह कानूनन देने चाहिये। इस बीच बचा मां के अधिकार में ही रहता है (यदि वे दोनों विवाहित होते तो बचा पिता के अधिकार में होता)। माता को पिता की घर-गृहस्थी चलाने की भी कोई चिन्ता नहीं रहती। इसका परिणाम यह होना है कि यदि वह न्त्री दूरदशी, सावधान और कामुक हो तो वह १.५ अंबंध बच्चे पैदा करके ३७॥ गिलिंग पनि सप्ताह अपनी साप्ताहिक मजदुरी के अतिरिक्त निश्चितरूप से पा सकती है और बंध यच्चों वाली विधवा की अपना जो अपने अन से गुजर करनी है उन्त्री रह सकती है। ____ कुछ व्यवसायों में नियों के लिए वेश्यावृत्ति अनिवार्य है, क्योंकि उनमें मजदूरी कम दी जाती है। जब वे यह कहती हैं कि इतने में तो हमारा गुज़र न होगा तो उन्हें कहा जाता है कि जब दूसरी त्रियों का गुजर हो जाना है नो तुम्हारा क्यों न होगा ? ऐसी स्थिति में वे या तो वेश्यावृत्ति स्वीकार करें या भूवी मरें। पूजीवाद उनकी चिन्ता नहीं करता । यह पूंजीवाद का नियों पर अत्याचार है। पूँजीवादी पुरुषों को यह नहीं कह सकते कि यदि तुम्हारी मजदूरी में तुम्हारा गुज़र नहीं होता नो अपने शरीरों को बाजारों में बेची। जब पुरुप इस माल का व्यापार करते हैं तो वे विक्रेता की नहीं खरीददार की हमियत में होते हैं । वे नो स्त्रियाँ हैं जो पूँजीवादी प्रणाली की चरम सीमाओं के कष्ट सहन करती हैं। उन्हें अपने शरीरों को बेचना होता है। लोग पश्चिमी देशों में दुकानों पर, नाटकवरों में, होटलों में, विश्रान्तिगृहाँ