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भारतीयों द्वारा श्री रिचका समर्थन


तुमने जो रकम जमीन [ सुधारने] में लगाई है, उसे वापस लौटानेका मेरा विचार नहीं होता। वैसा करने में बाधाएँ हैं। यदि तुमने कोई रकम जमीन खरीदनेके लिए दी हो तो वह लौटाई जानी ठीक है । और जमीनकी बाबत मेरा यह कथन सुझाव-मात्र है, क्योंकि सब लोगोंको यदि भरण-पोषण-भर ही मिलता है तो फिर जमीन या मकानकी रकम कैसे भरी जाये? यही सोचकर मैंने सुझाव दिया है कि जमीनसम्बन्धी कर्जका खाता ड्योढ़ा कर दिया जाये। परन्तु यदि कोई जमीन रख लेनेका ही विचार करे तो मैं आड़े नहीं आऊँगा। जो प्रश्न तुम उठा रहे हो वही तुम्हारी और आनन्दलालकी जमीनकी बाबत उठा था। जो रकम तुमने जमीनपर लगाई है वह मैं लौटाने लगू, इससे अधिक सन्तोषजनक तो मेरे लिए यह होगा कि मैं तुम्हारा कर्ज चुका दूं। जमीनपर खर्च किया गया पैसा वापस लौटाने में अनेक धर्मसंकट है। इसे तुम समझ सकोगे। तुम दोनों भाइयोंके बीच कितना रुपया दिया जाये, इस सम्बन्धमें तुम्हारे दूसरे पत्रकी राह देखूगा।

मोहनदासके आशीर्वाद

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती प्रति (एस० एन० ४७८२) की फोटो-नकलसे।

११८. भारतीयों द्वारा श्री रिचका समर्थन

पिछले रविवारकी शामको हमीदिया अंजमनके भवनमें ब्रिटिश भारतीय संघकी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। श्री काछलिया सभापति थे। सारे प्रान्तमें निमन्त्रण गये थे। क्लासडॉर्पसे एक तार आया था, जिसमें अनुपस्थितिपर खेद और बैठकके निर्णयोंसे सहमति प्रकट की गई थी। क्रूगर्सडॉर्प, रूडीपूर्ट, आदि स्थानोंसे प्रतिनिधि आये थे। सर्वश्री रिच, क्विन और आइजक भी उपस्थित थे। श्री काछलिया द्वारा बोलनके लिए कहे जानेपर श्री गांधीने बताया कि सरकार जो कदम उठाने जा रही है उसके क्या-क्या परिणाम होंगे। सभामें उत्कटताका वातावरण था और लोग आसन्न संकटका दृढ़ताके साथ मुकाबला करने के लिए कृत-संकल्प जान पड़ते थे।

श्री गांधीने कहा कि श्री रिचने उन्हें यह सूचित करनेकी इजाजत दी है कि वे (श्री रिच) भारतीयोंके साथ है, और जिन भारतीयोंकी जायदादें उनके नामपर दर्ज है, उनके विश्वासको निबाहन के लिए अगर जरूरत हुई तो वे जेल जानेका खतरा उठानेको भी तैयार हैं। विस्तृत चर्चाके बाद नीचे लिखे प्रस्ताव सर्वानुमतिसे स्वीकृत किये गये।

ब्रिटिश भारतीयोंकी यह सभा श्री रिचको उनकी उपस्थितिके लिए धन्यवाद देती है और स्वर्ण-कानूनके मातहत अधिकारियोंने जो नोटिस (हिदायतें) जारी

१. गांधीजीके चचेरे भाई; अमृतलाल तुलसीदास गांधीके पुत्र।

२. यह सभा कगर्सडॉपके सरकारी वकील द्वारा श्री रिचको दिये गये नोटिसपर विचार करनेके लिए आयोजित की गई थी; देखिए “तूफान उमड़ रहा है", पृष्ठ १३५ ।