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डायरी: १९१५

अप्रैल १८, रविवार

लोगोंसे मिलना आरम्भ किया।

अप्रैल १९, सोमवार

बहुत लोगोंसे मिला।

अप्रैल २०, मंगलवार

बहुत लोगोंसे मिला।

अप्रैल २१, बुधवार

दक्षिण आफ्रिकी लीगकी ओरसे मानपत्र।[१]

अप्रैल २२, बृहस्पतिवार

कृष्णस्वामी शर्मा। शिक्षण मेट्रिक्यूलेशन तक। १९०७में परीक्षा पास की। तमिल, तेलगू जानता है। समस्त ‘भगवद्गीता’ कण्ठस्थ है। तीन वर्ष जेलमें बिताये। ‘हिन्दू नेशन’ के उप-सम्पादक। अखंड ब्रह्मचर्य, सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेयका व्रत लिया है। और हमेशा देशसेवा करनेका विचार रखता है। कांजीवरम्में जमीन तथा घर है। उनसे २०० रुपयेकी वार्षिक आमदनी होती है। कॉस्मोपोलिटन क्लबमें।

अप्रैल २३, शुक्रवार

महाजन सभाकी ओरसे अभिनन्दन।[२]तैयबजीके घर सोया।

अप्रैल २४, शनिवार

मुस्लिम लीगकी बैठक।[३] वकीलोंके साथ भोजन।[४]

अप्रैल २५, रविवार

बोरा-भाइयोंके यहाँ भोजन। सोशल सर्विस लीग।[५]स्त्रियोंकी सभा। आर्य-वैश्य सभा।[६]

अप्रैल २६, सोमवार

श्री सुब्रह्मण्यम,[७] पादरी तथा एस० श्रीनिवास आयंगारके यहाँ बैठकें।

अप्रैल २७, मंगलवार

श्री साइमनके यहाँ उत्सव। यंगमेन्स क्रिश्चियन एसोसिएशनका समारोह।[८] विद्यार्थियोंकी ओरसे मानपत्र।
  1. १. देखिए “भाषण: मद्रासके स्वागत समारोहमें”, २१-४-१९१५।
  2. २. देखिए “मद्रासको महाजन-सभा और कांग्रेसके मानपत्रका उत्तर”, २३-४-१९१५।
  3. ३. देखिए “भाषण: मद्रास मुस्लिम लीगके स्वागत समारोहमें”, २४-४-१९१५।
  4. ४. देखिए “भाषण: मद्रासके कानून-पेशा लोगों द्वारा दिये गये भोजमें” २४-४-१९१५।
  5. ५. देखिए “भाषण: सोशल सर्विस लीग, मद्रासकी सभा”, २५-४-१९१५।
  6. ६. देखिए “भाषण: आर्य-वैश्य महासभा, मद्रासके स्वागत समारोहमें”, २५-४-१९१।
  7. ७. देखिए “भाषण: मद्रासके भारतीय ईसाइयोंके स्वागत समारोहमें” २६-४-१९१५।
  8. ८. देखिए “भाषण: वाई० एम० सी० ए०, मद्रासमें”, २७-४-१९१५।