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२२७. भाषण: इलाहाबादमें प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षापर

दिसम्बर २३, १९१६

प्रयागकी एक बहुत बड़ी सार्वजनिक सभा――जो मुन्शी रामप्रसादके विशाल उद्यानमें पं० मदनमोहन मालवीय के सभापतित्वमें हुई थी, महात्मा गांधीने हिन्दीमें निम्नलिखित आशयका एक व्याख्यान दिया था:

आपने कहा:

आप लोगोंके सामने हिन्दीमें व्याख्यान देनेमें मुझे कुछ कठिनाईका अनुभव हो रहा है; जिसके लिए में बहुत लज्जित हूँ――और यह बात आजके मेरे व्याख्यानके विषय अर्थात् आधुनिक शिक्षा प्रणालीपर एक कड़ी टीका है। यद्यपि में अपने विचार अंग्रेजीमें अधिक सुगमतासे व्यक्त कर सकता हूँ तयापि में हिन्दीमें ही बोलना पसन्द करूँगा। वास्तविक शिक्षाका आरम्भ साधारणतः १६ या १७ वर्षको अवस्थामें कॉलेजमें होता है। स्कूलमें जो शिक्षा मिलती वह उपयोगी नहीं होती। मसलन, भारतीय विद्यार्थी इंग्लैंडा भूगोल तो अच्छी तरह जानता है, पर स्वयं अपने देशके भूगोलका उसे यथेष्ट ज्ञान नहीं होता। उन्हें भारतका जो इतिहास पढ़ाया जाता है, वह बहुत-कुछ विकृत होता है। आजकल शिक्षा प्राप्त करनेका उद्देश्य सरकारी नौकरी पाना है।.विद्यार्थियोंकी बड़ीसे-बड़ी इच्छा यही रहा करती है कि हम शाही परिषद् के सदस्य हो जायें। विद्यार्थियोंने अपने पूर्वजोंके पेशे छोड़ दिये हैं और अपनी मातृभाषा भुला दी है। वे अंग्रेजी भाषा, यूरोपीय विचार और यूरोपीय वेशभूषा अपनाते जा रहे हैं। भी अंग्रेजीमें हैं और अपना सारा राजनीतिक और सामाजिक काम अंग्रेजीमें ही करते हैं तथा व्यापार आदिका भी सब काम उसी भाषामें चलाते हैं और समझते हैं कि बिना अंग्रेजी भाषाके हमारा काम चल ही नहीं सकता। उनका यह खयाल बन गया है कि इसके अतिरिक्त हमारे लिए और कोई मार्ग ही नहीं है। अंग्रेजी भाषाके द्वारा दी गई शिक्षाने मुट्ठीभर शिक्षितों और सर्व-साधारणके बीच बड़ी भारी खाई उत्पन्न कर दी है। परिवारोंमें भी यही हुआ है; अंग्रेजी पढ़े मनुष्यके विचार और भाव आदिका उसके घरकी स्त्रियोंके विचारों और भावों आदिसे किसी प्रकारका सरोकार ही नहीं होता। और, जैसा कि मैं अभी कह चुका हूँ, अंग्रेजी पढ़े-लिखे लोगोंका लक्ष्य या तो सरकारी नौकरियाँ पाना होता है या बहुत हुआ तो, शाही परिषद्को सदस्यता प्राप्त करना होता है। जिस शिक्षा प्रणालीसे ऐसी बातें उत्पन्न होती हों, उसे में तो कभी ठीक नहीं समझता और जिन लोगोंको ऐसी शिक्षा मिलती है उनसे कभी यह आशा नहीं की जा सकती कि वे देशकी कोई बड़ी सेवा करेंगे। मेरे कहनेका मतलब यह