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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

बातोंमें यहाँकी परिस्थिति फीजीसे भी ज्यादा गई-गुजरी है। मैं समझता हूँ कि जो-कुछ मुझपर बीत रही है उससे आप नितान्त अनभिज्ञ नहीं हैं। ज्यादा जानकारीके लिए कृपया ऐन्ड्रयूजको सम्बन्धित कागज भेजनेके लिए लिखिए। अधिक लिखनेका अवकाश नहीं है।

हृदयसे आपका, मो० क० गांधी

मूल अंग्रेजी पत्र (सी० डब्ल्यू० ५७९५) से।

सौजन्य: राजमोहिनी रुद्र

 

२८८. पत्र: डब्ल्यू० बी० हेकॉकको

मोतीहारी
अप्रैल २०, १९१७

प्रिय श्री हेकॉक,

कृपया सूचित कीजिए कि मुझे आपसे कल कहाँ मिलना है? जब आपने मिलनेका समय बताया था उस समय मैं आपसे यह बात पूछना भूल गया था।

आपका सच्चा,
मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया) से; सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० ३९, पृष्ठ ७९ से भी।

२८९. तार: बिहार और उड़ीसाके लेफ्टिनेंट गवर्नरके

मोतीहारी
अप्रैल २१, १९१७

गवर्नर महोदयने मुकदमा वापस ले लेनेकी तथा लियतें दिये निजी सचिवको जाँचके दौरान मुझे सहूजानेके बारेमें स्थानिक अधिकारियोंको आदेश जारी करनेकी जो कृपा की है, उसके लिए धन्यवाद देता हूँ।

[अंग्रेजीसे ]

सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन,सं० ४१, पृष्ठ ८०।