सितम्बर ३ : वाइसराय द्वारा पंजाबके दंगोंकी जाँचके लिए आयोगकी नियुक्तिकी घोषणा; साथ ही दक्षिण आफ्रिका तथा फीजीके लिए भी आयोग नियुक्त।
सितम्बर ६ : गांधीजीने बम्बईकी सत्याग्रह समिति और स्वदेशी सभाकी बैठकोंमें भाग लिया।
सितम्बर ७ : गिरगाँव, बम्बई में गुजरात स्वदेशी भण्डारका उद्घाटन; स्वदेशी सभाकी बैठकमें भाग लिया। गुजराती 'नवजीवन' का प्रथम अंक निकला।
सितम्बर ८ : भारत सरकार द्वारा बम्बई और मद्रास सरकारको तार कि "गांधीजीके विरुद्ध वर्तमान आदेश ढीले कर दिये जायें और लॉर्ड हंटरके आगमन के समय उनपर से सभी प्रतिबन्ध हटा लिये जायें।"
सितम्बर १२ : बम्बई सरकारने मद्रास सरकारको विश्वस्त रूपसे सूचना दी कि गांधीजीपर लगे प्रतिबन्धोंको ढीला करनेके सम्बन्धमें वह केन्द्रीय सरकारसे सहमत है
।
सितम्बर १७ : गांधीजी अहमदाबादसे बम्बईके लिए रवाना।
सितम्बर १८ : बम्बईको सार्वजनिक सभा में खिलाफतपर भाषण। सरकारी कर्मचारियोंके संरक्षणके लिए दण्डविमुक्ति विधेयक शाही परिषद् में पेश; मालवीयजीने उसका विरोध किया।
सितम्बर २१ : गांधीजीने अहमदाबादमें अछूतोंके स्कूलका उद्घाटन किया। गांधीजीकी ५१वीं वर्षगाँठके उपलक्ष्य में मद्रास और वर्धामें सार्वजनिक सभाओंका आयोजन। वर्धाके नागरिकों द्वारा गांधीजीको थैली भेंट। दण्डविमुक्ति विधेयक पास कर दिया गया।
सितम्बर २५ : गांधीजीने राजकोटमें रेवाशंकर जगजीवनके निवासस्थानपर आयोजित सभामें स्वदेशीपर भाषण दिया। दोपहरको वणिक भोजनशालामें महिलाओंकी सभामें भाषण। कनॉट हालमें समाज-सेवापर भाषण।
सितम्बर २६ : अछूतोंके स्कूल देखने गये।
सितम्बर २७ : सौराष्ट्रकी गोंडल रियासत में स्वदेशी भण्डारका उद्घाटन। महिलाओं और पुरुषोंकी पृथक सभाओंमें स्वदेशीपर भाषण।
सितम्बर २८ : मोटी मारडमें काठियावाड़ पाटीदार परिषद्की अध्यक्षता। धोराजीमें हिन्दू-मुस्लिम एकतापर भाषण; 'अन्त्यज वास' में आयोजित सभामें भाषण।
सितम्बर २९ : अहमदाबाद लौटने पर बम्बई सरकारको तार देकर 'नवजीवन' के प्रकाशकों द्वारा प्रेस ऐक्टके तथाकथित उल्लंघनकी क्षमा-याचना वापस ले ली।
अक्तूबर १ : एनी बेसेंटकी ७३वीं वर्षगांठके उपलक्ष्य में बम्बईके एक्सेल्सियर थियेटरमें आयोजित सभा में भाषण। कालबादेवी शुद्ध स्वदेशी भण्डारका उद्घाटन। भारत सरकारने पंजाब, दिल्ली और मद्रासकी सरकारोंको १५ अक्तूबरसे गांधीजीपर लगाये गये प्रतिबन्ध हटा देने का आदेश दिया।