पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/५०७

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भाषण : बम्बईकी सार्वजनिक सभामें ४७५ हमारे भीतर और बाहरकी सारी अपवित्रता दूर करे। ईश्वर करे भारतको ऐसी शक्ति प्राप्त हो कि वह अगले ३० सितम्बरतक विदेशी वस्त्रोंके पूर्ण बहिष्कारको सफल बना सके और इस प्रकार अपने पवित्र निश्चयको पूरा कर सके। [अंग्रेजीसे] बॉम्बे क्रॉनिकल, १-८-१९२१ 9 २२९. भाषण : बम्बईकी सार्वजनिक सभामें' ३१ जुलाई, १९२१ अपने भाषणके दौरान महात्मा गांधीन कहा : चरखा आपकी तलवार है। इसी शस्त्रसे आपको स्वराज्यका युद्ध लड़कर अपने देशके लिए विजय प्राप्त करनी चाहिए। चरखा ही एक ऐसा शस्त्र है जिससे आप अपने धर्मको रक्षा कर सकते हैं। इसलिए आपका कर्तव्य है कि आप देशमें खद्दरके उपयोगको आम बना दें। आपकी मुक्ति केवल स्वदेशीमें है, इसलिए यह आपका कर्तव्य हो जाता है कि आप विदेशी वस्त्रोंका उपयोग सदैवके लिए छोड़ दें। जो विदेशी वस्त्र आप इस समय पहनते हैं, वे आपको विदेशियोंके साथ जकड़ रखनेवाले बन्धन हैं। यदि आप चाहते हैं कि देश हमेशाके लिए मुक्त हो जाये तो आपको विदेशी वस्त्रोंका उपयोग छोड़ना ही होगा। यह प्रत्येक भारतीयका निश्चित कर्तव्य है कि वह अपने उन भाइयोंके बारेमें सोचे जो भुखमरीके किनारेपर खड़े हुए हैं। इसका कारण यह है कि लोग स्वदेशी वस्त्रोंका उपयोग करना छोड़कर विदेशी वस्त्रोंके आदी हो गये हैं। अब चूंकि आप समझ गये हैं कि हमारे गरीब देशवासी किस हालतमें हैं, तो क्या आप उन्हें हमेशाके लिए इसी हालतमें रहने देंगे? मुझे आशा है कि आप ऐसा नहीं करेंगे। मुझे जरा भी सन्देह नहीं कि जिन लोगोंने अभीतक विदेशी वस्त्रोंका उपयोग नहीं छोड़ा है वे तुरन्त उसे छोड़ देंगे। जो बहनें यहाँपर उपस्थित हैं, मैं उनसे भी अपील करूँगा कि वे देशकी खातिर महीन विदेशी वस्त्रोंका परित्याग करके खद्दर पहने। पूर्ण रूपसे स्वदेशीका उपयोग करके ही आप देशको गुलामीकी उन जंजीरोंसे छुड़ाने की आशा कर सकते है जिनमें वह इस समय जकड़ा हुआ है। क्योंकि सच्ची स्वदेशीका अर्थ है सच्चा स्वराज्य। आपको अपने देशको खातिर स्वराज्य तो प्राप्त करना ही है। मैं आप लोगोंसे अपील करता हूँ कि आप इस संकट-कालमें देशके प्रति अपना कर्तव्य निभायें और हमेशाके लिए स्वराज्य प्राप्त कर लें। [अंग्रेजीसे] बॉम्बे क्रॉनिकल,१-८-१९२१ १. मोतीशाहके मंदिर, परेलको सभामें । Gandhi Heritage Portal