अपनी सहायता आप करनेमें पूरी तरह असमर्थ होता है। शराबियों में से बहुत-से लोग पूर्ण मद्य-निषेधके रूपमें बाहरी सहायताका खुशी से स्वागत करेंगे। इसलिए मेरे विचारमें, इन दोनों चीजोंको साथ-साथ चलाना होगा।
हृदयसे आपका,
५९ किंग्स रोड
हावड़ा
अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १२१६६) की फोटो-नकलसे।
२५६. पत्र: एल॰ गिबार्टीको[१]
साबरमती आश्रम
३ अप्रैल, १९२६
आपका पत्र मिला। धन्यवाद। आपके सुझावमें जो भावना निहित है, मैं उसकी कद्र करता हूँ। लेकिन मैं इस बोझको उठानेके लिए अपनेको सर्वथा अयोग्य समझता हूँ। उत्पीड़ित व्यक्तियोंकी सेवाके लिए मैं जिन तरीकोंमें विश्वास करता हूँ, वे भी समाजवादियों द्वारा सामान्य रूपसे स्वीकृत उपायोंसे बहुत भिन्न हैं। और फिर वे अभी प्रयोगकी ही स्थितिमें हैं। इसलिए मैं किसी ऐसी संस्थामें शरीक होनेसे बचता हूँ, जिसे मैं अच्छी तरह नहीं जानता और जिसकी में अच्छी तरहसे सेवा नहीं कर सकता।
हृदयसे आपका,
सेक्रेटरी
हृदयसे आपका,
इंडियन डिपार्टमेंट
लीगागेगन कोलोनियलग्रोइल उंड
उंटरडुकुंग
बैम्बरगर स्ट्रास, ६०
बर्लिन, डब्ल्यू॰, ५०
अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १२४५८) की फोटो-नकलसे।
- ↑ उपनिवेशों में लोगोंपर किये जानेवाले अत्याचार और दमनके विरोध में स्थापित की गई लीगकी ओरसे श्री एल॰ गिबार्टीने गांधीजीको पत्र लिखा था। पत्रमें उन्होंने गांधीजीसे लीगका अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष बननेका अनुरोध किया था। गांधीजीने यह पत्र उसीके उत्तरमें लिखा था। लीगकी शाखाएँ बहुत-से देशों में थीं।