पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 31.pdf/४९९

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४७७. पत्र : सी॰ एफ॰ एन्ड्रयूजको

[२३ सितम्बर, १९२६ से पूर्व][१]

प्रिय चार्ली,

तुम्हारी पर्ची मिली। तार भेजनेकी कोई जल्दी नहीं है। यदि मुझे ढाई बजे गाड़ी भिजवा दो तो में दिन-भरका अधिकसे-अधिक काम निपटाकर तुम्हारे पास वहाँ लगभग साढ़े तीन बजे पहुँच जाऊँगा और करीब एक घंटा तुम्हारे पास रहकर चरखा कातने के समयपर यहाँ वापस आ जाऊँगा, या तुम्हारे साथ बातचीत करते हुए ही कात लूँगा। मृदुला मेरे लिए अपना चरखा तैयार रखे। तुम्हें किसी भी हालतमें इधर-उधर भागदौड़ करने या अहमदाबाद छोड़नेमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। तुम चाहे वहां आराम करो अथवा यहाँ—लेकिन तुम जबतक पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाते तबतक तुम्हें बाहर निकलना नहीं चाहिए। शेष मिलनेपर।

सस्नेह,

तुम्हारा,
मोहन

अंग्रेजी पत्र (जी॰ एन॰ २६३७) की फोटो-नकलसे।

४७८. पत्र: सी॰ एफ॰ एन्ड्रयूजको

बृहस्पतिवार [२३ सितम्बर, १९२६][२]

प्रिय चार्ली,

यह कैसी शरारत? लेकिन ठीक ही है; तुम पूरी तरह आराम करो। पूरी तरह इस लायक न हो पाओ तो तुम्हें कल अथवा परसों रवाना होनेकी बात नहीं सोचनी चाहिए। यदि तुम कहो कि मैं सशरीर ही तुम्हारे पास आऊँ तो आऊँगा नहीं तो यही समझो कि शरीर यहाँ है, परन्तु आत्मा तुम्हारे सिरहाने बैठी तुम्हें देख रही है।

सस्नेह,

तुम्हारा,
मोहन

अंग्रेजी पत्र (जी॰ एन॰ २६३४) की फोटो-नकलसे।

  1. यह पत्र २३ सितम्बरको लिखे गये पत्रसे पूर्व लिखा गया जान पड़ता है। देखिए अगला शीर्षक ।
  2. एन्ड्रयूज २६ सितम्बरको दक्षिण आफ्रिका के लिए रवाना हो गये थे। पत्र उसके पहलेके बृहस्पतिवारको लिखा गया होगा। उस दिन २२ तारीख थी।