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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
सूतकी जाँचका लाभ
जबसे अखिल भारतीय चरखा संघ द्वारा प्राप्त यज्ञके भावसे काते गये सूतकी जाँचकी प्रणाली आरम्भ की गई है, तबसे उसकी किस्म में धीरे-धीरे लगातार सुधार होता रहा है। इसके जो बहुत ही विशिष्ट परिणाम सामने आये हैं, उनमें से कुछ-एक नीचे दिये जा रहे हैं :
नाम | अंक | मजबूती | समरूपता |
श्रीयुत वी॰ के॰ विश्वनाथन्, केरल | |||
जाँचके पूर्व | २६ | ३१ | ८३ |
जाँचके बाद | ३२ | ९५ | ८१ |
श्रीमती एस॰ एम॰ पद्मावतीबाई, शिमोगा | |||
जाँचके पूर्व | १६ | २० | ९१ |
जाँचके बाद | २५ | ८० | ८९ |
डा॰ एम॰ वेंकटराव, गडग | |||
जाँचके पूर्व | २१ | ४० | ९२ |
जाँचके बाद | १९ | ७९ | ८८ |
श्रीयुत मोतीलाल राय, चन्द्रनगर | |||
जाँचके पूर्व | ३९ | ४७ | ९२ |
जाँचके बाद | ३३ | ७८ | ९५ |
श्रीयुत दयालजीभाई शिवजी, गुजरात | |||
जाँचके पूर्व | १४ | २३ | ७१ |
जाँचके बाद | २० | ७४ | ९३ |
नीचे कुछ ऐसे नाम दिये जा रहे हैं, जिनके काते सूतकी जाँच करनेपर परिणाम बराबर अच्छे आये हैं, और जिनका काता सूत हर तरहसे मिलके कते मजबूतसे-मजबूत सूतकी बराबरी करता है :
नाम | अंक | मजबूती | समरूपता |
श्रीमती गंगाबाई कुंटे, बम्बई | ३० | ९८ | ९३ |
श्रीयुत ईश्वरलाल पटेल, बम्बई | १५ | ९२ | ९३ |
डा॰ ए॰ पी॰ कोठारी, बम्बई | २२ | ९६ | ८६ |
श्रीयुत जोगेन्द्र चटर्जी, सोदपुर | ३० | ९६ | ९२ |
श्रीमती लक्ष्मीबाई गोखले, बम्बई | ३३ | ९५ | ८४ |
श्रीयुत गोविन्दभाई बी॰ पटेल (किशोर) | १५ | ८७ | ९३ |
विट्ठल लीलाधर (किशोर) | ११ | ८० | ८८ |