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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

आज तीसरे पहर महिलाओंकी सभामें उपस्थित थीं। देवदासी प्रथा हमारे धर्म या देशके लिए कोई श्रेयकी बात नहीं है । डा० मुत्तुलक्ष्मी अम्मलने विधान परिषदमें एक विधेयक पेश कर रखा है। इसे जहाँतक मैं देख सका हूँ, मैसूरवाले कानूनके आधारपर रचा गया है। उस प्रबुद्ध राज्यने उस समस्याको १९०९ में ही निपटा दिया था। इसे यहाँ कानून द्वारा निपटानेसे पहले मैं दो बातोंका सुझाव देता हूँ । वे नौजवान या वृद्ध लोग, जो इन प्यारी बहनोंका गैरकानूनी उपयोग कर रहे हैं, इन बहनोंको अपनी कामुकताका शिकार बनानेसे बाज आयें। दूसरे, इस प्रथाके अस्तित्वके विरुद्ध जिहादमें हर व्यक्ति शामिल हो जाये, चाहे वह कानून बनाकर हो या इस बुराईके विरुद्ध एक सक्रिय प्रबुद्ध लोकमत तैयार करके हो।

अगर मैंने आपको थका डाला है तो आप मुझे क्षमा करेंगे । आपके सभी अभिनन्दनपत्र काफी महत्त्वपूर्ण थे और मुझे लगा कि सौजन्यताका तकाजा है कि मैं उनका ज्यादासे-ज्यादा विस्तारसे उत्तर दूं। मेरा अनुरोध है कि मैंने जो कुछ कहा है, उसपर आप विचार करें और जो आपको ठीक लगे उसके अनुसार कार्य करें।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, १८-१०-१९२७

९५. पत्र : मीराबहनको

१७ अक्टूबर, १९२७

चि० मीरा,

मुझे तुम्हारे सभी पत्र मिल गये हैं। पिछले हफ्ते सोमवारवाले पत्रके बाद, जहांतक मुझे याद पड़ता है, मैंने तुम्हें कुछ नहीं लिखा है। त्रावणकोर और मला- बारमें खूब व्यस्तता और परेशानी रही, जिसके लिए मैं ही जिम्मेदार हूँ और जो मेरी इच्छासे ही हुआ । इस कारण मुझे आरामकी जरूरत थी। जैसे ही मैंने यह बात राजगोपालाचारीसे कही, उन्होंने तीन जगहोंका और अपने आश्रमका भी, जहाँ-जहाँ मैं जाना चाहता था, कार्यक्रम रद कर दिया। लेकिन चूंकि मैं लंकाके लिए तरोताजा होना चाहता हूँ, और वहाँ मैंने खूब व्यस्त कार्यक्रम रखा है, इसलिए मैंने उक्त कार्यक्रमोंका रद होना स्वीकार कर लिया है। यह कहनेकी जरूरत नहीं कि मैं बिलकुल ठीक हूँ। आराम तो एक सावधानीका कदम है। २१ तारीखको मैं तिरुपुर जाऊँगा और २४ की रातको वहाँसे चलूंगा। बाकी कार्यक्रम ज्योंका-त्यों है। मुझे अभीतक पता नहीं है कि मंगलोरके आसपास कहाँ-कहाँ मुझे जाना है। इसलिए २६ और ३१ तारीखके बीच पहुँचनेवाले पत्र तुम मंगलोर ही भेजना।

बाल कटवानेके बारेमें कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। मैं चाहता हूँ कि तुम स्त्रियोंको अपने साथ सहमत कर सको। मुझे बड़ी आशा है कि उन लोगोंमें तुम्हारा काफी प्रभाव बन जायेगा। इसलिए तुम्हें अनावश्यक रूपसे उनके लिए एक